निबंधिनीसाधन सदन, 1962 - 202 páginas |
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... कारण मन के प्रोज से रिक्त होकर सुगन्ध को इधर - उधर बाहर खोजता दौड़ता फिरता है । में तन - मन से अस्वस्थ है , समर्थ नहीं हो पाता । प्रायः ...
... कारण मन के प्रोज से रिक्त होकर सुगन्ध को इधर - उधर बाहर खोजता दौड़ता फिरता है । में तन - मन से अस्वस्थ है , समर्थ नहीं हो पाता । प्रायः ...
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... कारण उसे कष्ट का अनुभव होता । यही प्रेम का सामंजस्य कवि वेदना का कारण है । ( ३ ) युग - युगों से कहा जाता है कि ' जहाँ न पहुँचे रवि तहाँ ...
... कारण उसे कष्ट का अनुभव होता । यही प्रेम का सामंजस्य कवि वेदना का कारण है । ( ३ ) युग - युगों से कहा जाता है कि ' जहाँ न पहुँचे रवि तहाँ ...
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... कारण लौकिकता के साथ अलौकिकता स्थापना की प्रबल इच्छा मात्र है | सौंदर्य - बोध की इस संचालन शक्ति के बिना जीवन के मूल रहस्य का समझना ...
... कारण लौकिकता के साथ अलौकिकता स्थापना की प्रबल इच्छा मात्र है | सौंदर्य - बोध की इस संचालन शक्ति के बिना जीवन के मूल रहस्य का समझना ...
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