निबंधिनीसाधन सदन, 1962 - 202 páginas |
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... प्रकृति का सौंदर्य निर्जीव है , मूक है । प्रकृति में जो भी कुछ दृष्टिगत होता है सब अपनी - अपनी सत्ता में अपना - अपना अस्तित्व रखता है ...
... प्रकृति का सौंदर्य निर्जीव है , मूक है । प्रकृति में जो भी कुछ दृष्टिगत होता है सब अपनी - अपनी सत्ता में अपना - अपना अस्तित्व रखता है ...
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... प्रकृति एक ही प्रारण की अभिन्न लहर से ओत - प्रोत हैं । उपवन की सुकुमार कली से लेकर विजन वन की कठोर झाड़ी तक एक ही प्रारण प्रवाह की ...
... प्रकृति एक ही प्रारण की अभिन्न लहर से ओत - प्रोत हैं । उपवन की सुकुमार कली से लेकर विजन वन की कठोर झाड़ी तक एक ही प्रारण प्रवाह की ...
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... प्रकृति का सलोना सुकुमार कवि भी प्रकृति से इसी प्रकार मधुरालाप करता है-- सिखा दो ना श्रयि मधुप - कुमारि , सुरीले अपने मीठे गान ...
... प्रकृति का सलोना सुकुमार कवि भी प्रकृति से इसी प्रकार मधुरालाप करता है-- सिखा दो ना श्रयि मधुप - कुमारि , सुरीले अपने मीठे गान ...
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Términos y frases comunes
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