निबंधिनीसाधन सदन, 1962 - 202 páginas |
Dentro del libro
Resultados 1-3 de 58
Página 35
... वे हमसे कुछ । यह प्रादान - प्रदान की क्रिया चलती ही रहती है । किन्तु हम देखते हैं कि इस विनिमय को शब्दों के द्वारा सभी नहीं प्रकट कर ...
... वे हमसे कुछ । यह प्रादान - प्रदान की क्रिया चलती ही रहती है । किन्तु हम देखते हैं कि इस विनिमय को शब्दों के द्वारा सभी नहीं प्रकट कर ...
Página 45
... वे केवल काग़ज के फूल के समान ही रहेंगे । जिन कलाकारों में प्रतिभा होती है वे अपने कल्पना - प्रसूत पात्रों में प्राण- प्रतिष्ठा करके ...
... वे केवल काग़ज के फूल के समान ही रहेंगे । जिन कलाकारों में प्रतिभा होती है वे अपने कल्पना - प्रसूत पात्रों में प्राण- प्रतिष्ठा करके ...
Página 56
... वे कलाकार की निलि- सता से विमुख होकर एक समाज सुधारक का ही रूप धारण कर लेते हैं । गुलेरी जी का जीवन - काल थोड़ा ही रहा और वे शायद तीन ...
... वे कलाकार की निलि- सता से विमुख होकर एक समाज सुधारक का ही रूप धारण कर लेते हैं । गुलेरी जी का जीवन - काल थोड़ा ही रहा और वे शायद तीन ...
Otras ediciones - Ver todas
Términos y frases comunes
अधिक अनुभूति अपना अपनी अपने अभिव्यक्ति आज आत्मा इन इस इसी उनकी उनके उपन्यास उस उसका उसकी उसके उसमें उसी उसे एवं ओर कर करते करने कला कला के कलाकार कल्पना कवि कविता कहानी का कारण काल काव्य किन्तु किया किसी कुछ के लिए के साथ केवल को कोई क्या क्योंकि गया चाहिए छायावाद जब जा जाता है जाती जी जीवन के जो तक तथा तो था दूसरे दोनों नहीं नहीं है नाटक ने पर प्रकार प्रकृति प्रभाव बात भारत भाव भावना भाषा मन मनुष्य मानव मूल में भी यदि यह यही या युग रहा है रूप लेकर वस्तु वह विकास विचार विशेष विश्व वे वेदना व्यक्ति संसार सकता है सकती सत्य सभी समय समाज समालोचना साधना साहित्य की साहित्य में सृष्टि से स्थिति स्वरूप हम हमारी हमारे हिन्दी हिन्दी साहित्य ही हुआ हुई हुए हृदय है और है कि हैं हो सकता होकर होता है होती होते होने