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१७ बघायच ऊं घामन्त आउखाने लाघरों कुणा पुन्य कारस्युं । उमें कया क्यों मनें धोखो करें कोई दोषो नही एकबिगर के भगवान में बर घर त बाउखा में धयां घावें तो १८ याकारो कर । उं उने कयो के कुर विनु कयो कें कर खून मतो पर जारी मतो कर चोरी मतो कर कुडी थापक बाभा माती मर्यादा कर छोर २. आपके नेडारे खवासनें आपकेसरी | प्यार कर । उ मोट्यार कयों के ऊं डायठाईस् वा सगलांको पालना करी म्हारो २१ इस कांई बाकी । विभु उनें क्यों के कार तू परवारा घावे तो जा चारे सरंजामनें बेचवा नूतराने दे उपने २२ तू स्वर्गसें माया पाओ घोर म्हारे पिलाडी श्राव । उ माट्यार

१८ सायदो मतो दे ।

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श्रा क्या सुंदरी बेदिल ऊयर चाल्यो क्योंस उकी २१ माको माया गे । उसूं यिशु ष्यायके चेताने कयो जं

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थांने साच कउंनु के मायालाने स्वर्गकें राजमें धसो बढे २० करडे लें। चार अंपिण घानें कउंट के मायावाला आदमी

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१० जोवको उकरास करसी । लेर मोकला के जके पेंलडा वे सारा पिडी असो वा बिवाडी जके में वें में बडा हो ।

२० नीसमा पांनो । - वर्गको राज एक लोग भूषाका यो ईया में के जको श्रापका अंजीर के बेतका नुमर निंx २. जारी करनें प्रभातेई बारणें गयो । छोर उंनुबरी भेलो पावलो दिनको चुकायर बायका अंजोरकां वेवमें बनें १ मेल्या । ओर दिन एकमोर बासरेको बेला उ बारवें

यो दुजालागांनें घोटामें बिगरकांय उभा देखा । ● और वा कबो के थेमिरा अंजीरका खेत में जावो कोर को ५ ठोकों उघांनें देंगुं बोर वें गया । उपर्ने दोपोर वा तिजा पोर वासरेको बेला उ फेर बारणें शायपरो उतरें ६ करो । पुंणो चार पोरकीबेलाथिय उ बारसें जायर दूजामानघने बिगरण साधा वा वांनें कयों के क् ७ सगलें दिन इथे बिंगरां रोबो । वा उने कया इंका रथ के कोई आदमी न्हांनें बजूरो लियो नही उं बनें कयो के थे पिग अंजोरका खेतमें जावो बार जको ठोक उ

पास्यो | सिंज्या पडापर्ने खेत के घी बायका दिवाननें कयो के नंबरानें बुलाय वा बेवडावालासूं मांडर बेलडt ९ वाजतोडी वानें राजीना दे । झोर पुंयोचार पोरकी बेला बाणवाला कुज कोई मानव एकर पावलि पाई। १. लडावाला बायर अमख्या के वें बत्तो पाओ तेर वें कुज ११ कोई मानसि एकर पावलो पाई ।

लेर पायर भूपाका धणीसूं चकचक करि वा कयों के यां पिगडि वाला खाजौ दोय घडी कांम कोयो छोर तूं बांने कें १२ बरोबर करो के यो दिनको भार वा तावडे सियो ।

१२ उथलो देर बाँके एक लोमानें कबो के

लग्योट्या अंधारें उयर विगरठोक न करंतु तें कांई म्हारे भेलो एक पाव ले चुकाय लोनी नई थारो आपको ले वा जा । जिस् १५ तनें द्युत्रु तस्यें। को बेवडावाजानें पिस ऊं देस्युं । जंजिस् चांउं तियो आपकी वस्तसूं करणो कांड ठोक नई कोई जं १६ दावार होणं थारो बांयां विठोदृट फेरें । इंबरें ज सगलासूं पबावाला वे पैलडावाला ऊसो वा पेडावा ला जके सो सगलासूं पाळावाला असो कोसि मोकला बुला या जाय लेर थोडा अराया परें ।

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२ खोलर व्हावने ल्याव । चोर घर कोई धानें व हि कहें तो उंनें कहा के भगवानन वांकी चायतें उमे उ बैगा बाँ • नें में बसी। कों सगला करपा गयाों के दा कथा पूरी अभ्यःय ५. के जका निमितियासूं क्योडीज । के हे मानकी डावडी देख थारी पावस्या धारेंकने यावेळें उ गोले मनले वा ई गधाउपर वा गधियाउपर चढियो में । तद चेला गया वा जिसे मुि कोठें तिसा कर परो गंधाने वा गंधियाने ७ लायर अपरका गाभा वांकें उपर दिया वा वाँके उपर वांनें बैठाया। चोर मोटो जमात यापरका गाभा मार - गर्मे बिलाया और लोगां संवास डालो बाटो वा मारगमें ८ बिगयो । चोर अगाडीजांखवाली वा पिठाडी यांवाली जमाव ऐला करर कये के दष्यांणा दाउंदकें डावडनि प्रभु का नांवसूं यावयवाला धन्यवें समांसू डंबा में होना । १० बोर वें विरुजालम् में ये तापले सगला नगर में कुण ११ कैती कोलाहल अश्यो । चोर जमात कयो के उगा लिलो के नाजरेत्को निमित्यो विमुतें ।

११

रवि भगवानका देवरा में गयो वा देवरासूं बेचण वाला वा मोलवाला सगला आदम्यान काला बुडवी को बाजोट वा कबुतर बेचणवानांका बाजोट उंधा करपा । १३ वा वनेिं कयो के उ निष्ये ों के हारो भूपो याचनाको मूंगे '१० कयो जासो लेर थे उने चोरको चोतरो करो।

चोर

सुख्खा वा लुला फेंकनें देवरा में काया वा उं वनेिं ताजा १५ करा । ॐ जके छाले कांम करणा उ बोर देवरा में डावडा

ईला करता वा बोलता के होमाना दाउदकें डावडानें में • घिस देखर बडामोहित वा उपाध्याया मोटा रोसमें वा । १६ वा उने बेल्या कें में जके कहेंगे तू कांई उ सुखें नरें और यि दानें कयो के हां थे कांई भव्या नही के डाबर के बा

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