Kāmāyanī ke panneNavayuga Granthāgāra, 1962 - 207 páginas |
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... जाते हैं और श्रद्धा पुकारती ही रह जाती है । इड़ा - यह सर्ग आधुनिक भौतिकवाद और बुद्धिवाद का परिचय प्राप्त कराता है - इड़ा ...
... जाते हैं और श्रद्धा पुकारती ही रह जाती है । इड़ा - यह सर्ग आधुनिक भौतिकवाद और बुद्धिवाद का परिचय प्राप्त कराता है - इड़ा ...
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... जाती ! ' लेकिन मनु कहाँ ? यहाँ पर और भी ध्यान देने योग्य बात है कि श्रद्धा मनु की चिन्ता में क्यों पड़ी है ? सम्पूर्ण महाकाव्य ...
... जाती ! ' लेकिन मनु कहाँ ? यहाँ पर और भी ध्यान देने योग्य बात है कि श्रद्धा मनु की चिन्ता में क्यों पड़ी है ? सम्पूर्ण महाकाव्य ...
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... जाते जीवन है तो कभी मिलन है कट जाती दुख की रातें । श्रद्धा के प्रति कही गई इड़ा की यह उक्ति ' व्यथा - गाँठ निज खोलो तो ' वास्तव में ...
... जाते जीवन है तो कभी मिलन है कट जाती दुख की रातें । श्रद्धा के प्रति कही गई इड़ा की यह उक्ति ' व्यथा - गाँठ निज खोलो तो ' वास्तव में ...
Términos y frases comunes
अपना अपनी अपने अब आज आदि आनन्द इस इसी उस उसका उसकी उसके उसमें उसे एक कभी कर करता है करती करते करने कर्म कला कवि कवि ने का काम कामायनी काव्य किन्तु किया है किसी की की ओर कुछ के रूप के लिए केवल कोई क्या गई गया चित्र चिन्ता जब जा जाता है जाती जिस जीवन जो ज्ञान तक तथा तुम तो था थी थे दर्शन दिया देख देता देती है नहीं नारी नियति पति पर प्रकृति प्रसाद जी ने प्रेम फिर बन भाव भी भीतर मनु को महाकाव्य मानव में में ही मैं यह यही या रस रहा है रही रहे रूप रूप में ले लेकिन वर्णन वह वासना विश्व वे शिव श्रद्धा के संस्कृति सकता सत्य सब सर्ग में सा साहित्य सी सीता सुख सुन्दर सृष्टि से सौन्दर्य ही हुआ हुआ है हुई हुए हूँ हृदय है और है कि हैं हो होकर होता है