Kāmāyanī ke panneNavayuga Granthāgāra, 1962 - 207 páginas |
Dentro del libro
Resultados 1-3 de 25
Página 46
... भारतीय आलोचकों को सजग कर देना चाहता हूँ जिन्होंने- पीयूष स्रोत सी बहा करो जीवन के सुन्दर समतल में इन उक्त दो पंक्तियों का भ्रान्त ...
... भारतीय आलोचकों को सजग कर देना चाहता हूँ जिन्होंने- पीयूष स्रोत सी बहा करो जीवन के सुन्दर समतल में इन उक्त दो पंक्तियों का भ्रान्त ...
Página 123
... भारतीय संस्कृति पर मुस्लिम संस्कृति का प्रभाव है । अंग्रेजी संस्कृति के सम्पर्क में भी भारतीय संस्कृति करीब सौ वर्षों तक रही ...
... भारतीय संस्कृति पर मुस्लिम संस्कृति का प्रभाव है । अंग्रेजी संस्कृति के सम्पर्क में भी भारतीय संस्कृति करीब सौ वर्षों तक रही ...
Página 124
... भारतीय नारी जितनी सौम्य , उदार , दयालु तथा नारीत्व और मातृत्व के गुणों से विभूषित अपनी लज्जा के भीतर श्रद्धा - सुन्दर लगती है उतनी ...
... भारतीय नारी जितनी सौम्य , उदार , दयालु तथा नारीत्व और मातृत्व के गुणों से विभूषित अपनी लज्जा के भीतर श्रद्धा - सुन्दर लगती है उतनी ...
Términos y frases comunes
अपना अपनी अपने अब आज आदि आनन्द इस इसी उस उसका उसकी उसके उसमें उसे एक कभी कर करता है करती करते करने कर्म कला कवि कवि ने का काम कामायनी काव्य किन्तु किया है किसी की की ओर कुछ के रूप के लिए केवल कोई क्या गई गया चित्र चिन्ता जब जा जाता है जाती जिस जीवन जो ज्ञान तक तथा तुम तो था थी थे दर्शन दिया देख देता देती है नहीं नारी नियति पति पर प्रकृति प्रसाद जी ने प्रेम फिर बन भाव भी भीतर मनु को महाकाव्य मानव में में ही मैं यह यही या रस रहा है रही रहे रूप रूप में ले लेकिन वर्णन वह वासना विश्व वे शिव श्रद्धा के संस्कृति सकता सत्य सब सर्ग में सा साहित्य सी सीता सुख सुन्दर सृष्टि से सौन्दर्य ही हुआ हुआ है हुई हुए हूँ हृदय है और है कि हैं हो होकर होता है