Kāmāyanī ke panneNavayuga Granthāgāra, 1962 - 207 páginas |
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... हुए भी नवीन है । ' कामायनी ' इतिहास की घटी हुई घटनाओं के आधार पर सत्य के मार्ग से होती हुई अखंड आनन्द में तन्मय हुई है । शुद्ध पौराणिक ...
... हुए भी नवीन है । ' कामायनी ' इतिहास की घटी हुई घटनाओं के आधार पर सत्य के मार्ग से होती हुई अखंड आनन्द में तन्मय हुई है । शुद्ध पौराणिक ...
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... हुए देख दुखित हो मान कर बैठना ; अपने भावो शिशु के लिए गृह का निर्माण करना आदि घटनाएँ कवि की कल्पना से पोषित हुई हैं । अपनी इस कल्पना ...
... हुए देख दुखित हो मान कर बैठना ; अपने भावो शिशु के लिए गृह का निर्माण करना आदि घटनाएँ कवि की कल्पना से पोषित हुई हैं । अपनी इस कल्पना ...
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... हुई है । ' आँसू ' का कवि रजनी को केवल अपना बनाना चाहता है , उसका धुंधला रूप- मधु वह स्वयं ... हुई है विश्व क्यों अब इतनी मधुर हुई ? [ ९ ३ ]
... हुई है । ' आँसू ' का कवि रजनी को केवल अपना बनाना चाहता है , उसका धुंधला रूप- मधु वह स्वयं ... हुई है विश्व क्यों अब इतनी मधुर हुई ? [ ९ ३ ]
Términos y frases comunes
अपना अपनी अपने अब आज आदि आनन्द इस इसी उस उसका उसकी उसके उसमें उसे एक कभी कर करता है करती करते करने कर्म कला कवि कवि ने का काम कामायनी काव्य किन्तु किया है किसी की की ओर कुछ के रूप के लिए केवल कोई क्या गई गया चित्र चिन्ता जब जा जाता है जाती जिस जीवन जो ज्ञान तक तथा तुम तो था थी थे दर्शन दिया देख देता देती है नहीं नारी नियति पति पर प्रकृति प्रसाद जी ने प्रेम फिर बन भाव भी भीतर मनु को महाकाव्य मानव में में ही मैं यह यही या रस रहा है रही रहे रूप रूप में ले लेकिन वर्णन वह वासना विश्व वे शिव श्रद्धा के संस्कृति सकता सत्य सब सर्ग में सा साहित्य सी सीता सुख सुन्दर सृष्टि से सौन्दर्य ही हुआ हुआ है हुई हुए हूँ हृदय है और है कि हैं हो होकर होता है